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आँखों का पानी हूँ मैं

एक   गुजरी   हुई   कहानी  हूँ  मैं,
किसी  के  दर्द  की  निशानी हूँ मैं।

मैं  खुदसे ही  बहुत  दूर हो  गई हूँ,
लोग  कहते हैं  कि  दीवानी  हूँ  मैं।

वो दरिया मुहब्बत का  ठहर  गया,
कि उल्फ़त की ठहरी रवानी हूँ  मैं।

तड़प  के  सिसक  के  कटी है जो,
वही  दर्दों  में  बीती जवानी  हूँ  मैं।

कौन  जाने में  कब  छलक  जाऊँ,
"निक्क" आँखों  का  पानी  हूँ  मैं।

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19 Comments

Zakirhusain Abbas Chougule

28-Sep-2022 09:54 AM

Nice

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Pratikhya Priyadarshini

24-Sep-2022 10:34 PM

Bahut khoob 💐👍

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Pratikhya Priyadarshini

24-Sep-2022 10:33 PM

Bhut khoob 🌺💐🙏

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